भारत सरकार ने नमक पर कर सहित वस्तुओं के उत्पादन पर उत्पाद शुल्क की वसूली के लिए दिनांक 24.2.1944 से केंद्रीय उत्पाद शुल्क और नमक अधिनियम, 1944 लागू किया है। वर्ष 1962 में भारत सरकार ने सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के माध्यम से आयात और निर्यात पर सीमा शुल्क की उगाही की शुरुआत की। केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क की वसूली एवं प्रशासन हेतु भारत सरकार ने एक अलग बोर्ड, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क (सीबीईसी) बोर्ड को 1964 में राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय के अधीन केंद्रीय राजस्व बोर्ड अधिनियम, 1963 के माध्यम से गठन किया। उसके पश्चात् 1994 में, भारत सरकार ने कतिपय सेवाओं पर सेवा कर की उगाही की शुरुआत की। अप्रत्यक्ष कर राजस्व का एक प्रमुख स्रोत हैं और सरकारी राजकोष में राजस्व का 35 से 40% का योगदान देते हैं।
अप्रत्यक्ष करों की वसूली के लिए केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने कलेक्टर (अब आयुक्त) के नेतृत्व में कई कलेक्टरेट (अब आयुक्तालय) का गठन किया, जिसमें सहायक कलेक्टर (अब सहायक आयुक्त) के नेतृत्व में मंडलों/ रेंजों / सेक्टरों /सर्किलों के क्षेत्रीय गठन शामिल हैं। पूरे अविभाजित आंध्र प्रदेश राज्य का समावेश करते हुए हैदराबाद कलेक्टरेट का गठन 70 साल पहले किया गया था।
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने समय-समय पर जनशक्ति की आवश्यकता की समीक्षा की है और समय-समय पर स्वीकृत शक्ति को संशोधित करके संवर्गों का पुनर्गठन किया है। गुंटूर कलेक्टरेट (अब गुंटूर आयुक्तालय) का गठन वर्ष 1972 में और विशाखापट्टणम कलेक्टरेट (अब विशाखापट्टणम आयुक्तालय) का गठन 1990 में किया गया था। पूर्ववर्ती हैदराबाद, गुंटूर और विशाखापट्टणम आयुक्तालय एक ही क्षेत्र के अंतर्गत थे। 2002 में संवर्ग पुनर्गठन के परिणामस्वरूप दो क्षेत्र बनाए गए (i) हैदराबाद क्षेत्र जिसमें तेलंगाण क्षेत्र के सभी जिले शामिल थे (ii) विशाखापट्टणम क्षेत्र जिसमें रायलसीमा के शेष जिले और तत्कालीन आंध्रप्रदेश के तटवर्ती जिले शामिल थे। फिर, सीबीईसी ने जनशक्ति की आवश्यकता की समीक्षा की और वर्ष 2014 में हैदराबाद क्षेत्र में सीमा शुल्क, सेवाकर एवं लेखापरीक्षा के अलग-अलग आयुक्तालय बनाकर संवर्ग का पुनर्गठन किया (संयोग से उसी वर्ष आंध्र प्रदेश राज्य को दो राज्यों अर्थात तेलंगाण और आंध्र प्रदेश में विभाजित किया गया था)। भारत सरकार ने केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर, वैट आदि मौजूदा अप्रत्यक्ष करों को प्रतिस्थापित करके दिनांक 01.07.2017 से माल एवं सेवाकर लागू किया है। तदनुसार, सीबीईसी ने अपने गठनों को पुनर्गठित किया। इसके अलावा, केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) का नाम केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के रूप में परिवर्तित किया गया। वर्तमान में, सीबीआईसी में 21 क्षेत्र, 101 जीएसटी करदाता सेवा आयुक्तालय हैं जिनमें 15 उप-आयुक्तालय, 768 मंडल, 3969 रेंज, 49 लेखापरीक्षा आयुक्तालय और 50 अपील आयुक्तालय शामिल हैं। यह अखिल भारतीय उपस्थिति वाले अप्रत्यक्ष कर प्रशासन ढांचे के माध्यम से सभी करदाताओं को करदाता सेवाएं प्रदान करना सुनिश्चित करेगा।
दिनांक 01.07.2017 से जीएसटी कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप हैदराबाद क्षेत्र में हैदराबाद सीमा शुल्क आयुक्तालय के अलावा 04 जीएसटी कार्यकारी आयुक्तालय अर्थात हैदराबाद, मेड्चल, सिकंदराबाद और रंगारेड्डी, 02 लेखापरीक्षा आयुक्तालय अर्थात लेखापरीक्षा - I एवं लेखापरीक्षा - II तथा 02 अपील आयुक्तालय अर्थात अपील - I और अपील - II शामिल हैं। सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष करों की वसूली के लिए पूरे तेलंगाण राज्य के क्षेत्राधिकार युक्त जीएसटी और सीमा शुल्क, हैदराबाद क्षेत्र का मुख्य आयुक्त कार्यालय जीएसटी भवन, बशीरबाग, हैदराबाद में स्थित है। क्षेत्र का नेतृत्व मुख्य आयुक्त करते हैं।
श्री संदीप प्रकाश, भा.रा.से. वर्तमान में हैदराबाद जीएसटी और सीमा शुल्क क्षेत्र के मुख्य आयुक्त हैं।